Bengal Election : ये इश्क नहीं आंसा बस इतना समझ लो डूब के जाना है...



संजय कुमार तिवारी 

नई दिल्ली।
देश में पांच राज्यों में चुनावी शोर चल रहा है। आपको बता दें कि सभी राजनीतिक पार्टियों के लीडर सभाओं एवं रैलियों के माध्यम से प्रचार प्रसार कर रहे है। लेकिन बंगाल चुनाव पूरे देश के लोगों के साथ-साथ दूनिया के लोगों मे भी काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। ममता बनर्जी की राजनीतिक करियर दांव पर लगा है तो दूसरी तरफ भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का भी बहुत कुछ  दांव पर लगा है।

जानकारी के अनुसार आप को बताते चले कि भाजपा को बंगाल जीतना उतना ही जरूरी हो गया है जैसे कि कोरोना काल में लोग वैक्सीन के आने के लिए थी। क्योंकि ममता बनर्जी सीधा भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को अपने चुनावी संक्रमण की जद में न ले, इसी कारण भाजपा को ममता बनर्जी को बंगाल से हराने का पूरे जोर शोर से काम चल रहा है। 

दरअसल भाजपा को अच्छी तरह से मालुम है कि अगर बंगाल में फिर से ममता बनर्जी की सरकार बनती है तो पूरे देश के विपक्षी दलों को ममता के रूप में एक ब्रांड चेहरा मिल जाएगा जोकि आने  वाले  समय में भाजपा की सारी गणित को बिगाड सकता है। बंगाल की चुनावी लडाई सीधा-सीधा पीएम बनाम सीएम का हो रहा है। क्योंकि कभी मोदी भी सीएम ही थे। 

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